Usha sharma

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लेखनी कहानी -08-Aug-2023

#प्रतियोगिता

दिनांक :08/08/2023 
शीर्षक :मतलबी लोग

इंसानों की बस्ती में कितनी होशियारी से पेश आते हैं लोग...
गिरगिट से कहीं ज़्यादा फुर्ती से कैसे रंग बदल जाते हैं लोग...! 

दम जो भरते रहे कि उम्र भर साथ हमारा निभाएंगे वो ,...
अब जाना मतलब के लिए रिश्ते ही निभाते मतलबी लोग..! 

जरूरत में जो लोग हमें दिन-रात याद किया करते थे,...
दूर से देखते ही वो अंजान बन मुड़ जाते हैं मतलबी लोग...! 

जिनको कोसा करते थे अपनी हर बद्दुआ में जो हर दिन...
आज उनके ही हाथों में हाथ डाले नजर आते हैं मतलबी लोग..!

मतलबी लोगों की यहाँ पर अजब कहानी देखी है हमनें,.... 
तारीफों के कसीदे पढ़ने वाले,हर बात में कमी बताते हैं लोग..!

जो कभी पूछना चाहोगे, उनसे इस बेरूखी का तुम सबब .
बहुत है मसरूफ़ियत दिनभर, वजह यही समझाते हैं लोग..!
 
हैरान सी हूँ नकली मौसम ए बयार में सूखते-रिश्ते देखकर,...
ऐसे कैसे मतलब निकलते ही इतना बदल जाते मतललोग..! 

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3 Comments

बेहतरीन और यथार्थ चित्रण वास्तविकता का

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Reena yadav

09-Aug-2023 05:36 AM

👍👍

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Varsha_Upadhyay

08-Aug-2023 10:39 PM

बहुत खूब

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